मात्र 4 साल मे काफी कम बजट मे एप्पल के जैसे बनाया फोन, मिलिए Oneplus के फाउंडर से

Oneplus स्मार्टफोन जिसने आज पूरी दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बना ली है, लोग इसे एप्पल की तरह ही तवज्जों देते है, लेकिन क्या आप जानते है कि इसके फाउंडर ने महज 4 सालों में कड़ी मेहनत कर इस कम्पनी को खड़ा किया है. इतना ही नही इस फ़ोन के फीचर्स को लोग एप्पल के फ़ोन से कम्पेयर करते हैं। आज हम बताते है इस कंपनी की शुरुवात किसने और कैसी की।

Oneplus के फाउंडर और सीईओ पीट लाउ हैं जिन्होंने अपनी 43 साल की उम्र में इस कम्पनी को एक अलग मुकाम पर खड़ा कर दिया हैं। मूल रूप से चीन के हांचुआन से ताल्लुक रखने वाले पीट लाउ बचपन से ही पढ़ने में बेहद तेज थे और वह एक हार्डवेयर इंजीनियर थे। अपने शुरुवाती दिनों में पीट ओप्पो कम्पनी के इलेक्ट्रॉनिक्स के ब्लू-रे डिवीज़न डिपार्टमेंट में काम करते थे। फिर धीरे धीरे उनके स्थान में बदलाव आया और वह मार्केटिंग हेड से वाईस प्रेसिडेंट बन गए और फिर साल 2013 में उन्होंने ओप्पो से रिजाइन कर दिया।

मात्र 6 लोगो से किया शुरुआत

ओप्पो कम्पनी से इस्तीफा देने के बाद पीट ने अपनी कंपनी वनप्लस कि शुरुवात की। पीट के लिए ये सफर आसान नही था क्योंकि कम्पनी के शुरुवाती दिनों में केवल छह लोग ही वहां काम करते थे। फिर पीट ने जमकर मेहनत की और उनकी प्राथमिकता हमेशा से काम और दाम दोनो में ही क्वालिटी प्रोडक्ट को देना रहा। हालांकि  मैन्युफैक्चरिंग सुविधा ना होने के कारण पीट अपने मोबाइल शुरू में ओप्पो कम्पनी से ही बनवाते थे।

लेकिन फिर एक वक्त आया जब साल 2014 में वनप्लस 1 के साथ पीट ने अपनी कम्पनी की आधिकारिक घोषणा की। इस फोन के फीचर्स लोगों को इतने पसन्द आये की 2014 के अंत तक इसके 10 लाख सेट बिक गए। एक इंटरव्यू के दौरान पीट लाउ ने कहा था कि उन्हें उम्मीद नही थी कि इस फोन की इतनी बिक्री होगी। उनका मानना था कि बहुत कम लोग ही ऐसे फोन को खरीदेंगे जिसने अभी मार्केट में बस कदम ही रखा है। मगर इस फोन ने जबरदस्त कमाई की।

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पहले फ़ोन की बिक्री के बाद कम्पनी लगातार मोबाइल्स की नई नई सीरीज बनाती गई और बेचती गई। इतना ही नही उनके वनप्लस5 को आईफोन 7 प्लस से भी कम्पेयर किया गया। यूं तो पीट ने कभी ओप्पो कम्पनी को छोड़ने की वजह नही बताई मगर कम्पनी छोड़ते वक़्त उन्होंने बस इतना ही लिखा कि वह बिना किसी खर्च के बढ़िया स्मार्टफोन बनाना चाहते है।

इसलिए बनाया ये फोन

वनप्लस को बनाने का ख्याल पीट के दिमाग में तब आया जब वो अक्सर अपने दोस्तों के साथ कैफ़े में बैठकर एंड्राइड फोन और उसके क्वालिटी के बारे में बैठकर बातें करते थे। तभी उन्होंने यह ध्यान दिया कि वहां बैठे आधे से ज्यादा लोगों के पास आईफोन है और क्यों वो आईफोन के बजाए एंड्रॉयड इस्तेमाल नहीं करते?जब पीट ने इसके बारे में सोचा और रिसर्च किया तब उन्हें पता चला कि इसकी सबसे बड़ी वजह बजट में आने वाले एंड्रॉयड स्मार्टफोन की कमी है। बता दें कि अन्य देशो की तुलना में वनप्लस ने भारतीय स्मार्टफोन यूजर्स के दिलों में तेज़ी से अपनी जगह बनाई है

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